Haryanvi Kanjoos baniya Jokes
एक बनिया था कसूता मूंजी (कंजूस) 😒💰
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एक रात अपने छोरां नै बोल्या – आज जो रोटी नहीं खावैगा, उसनै पांच रुपय्ये मिल्लैंगे 💸🍽
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उसके छोरे राजी हो-गे अर पांच-पांच रुपय्ये ले कै बिना रोटी खाये सो गये 😴💵
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तड़कैहें (सुबह) ऊठतीं-हें बनिया नै कही – “ईब रोटी उसनै मिल्लैंगी जो पांच रुपय्ये देगा” !! 😂🤯
एक सेठ जी मिठाई की दुकान कर रहया था 🍬🧁
एक ताऊ आया अर सेठ की आंखों के आगे हाथ घुमावण लाग्या 👋😳
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सेठ बोल्या – चौधरी, के करै सै ? 🤔
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ताऊ – तन्नैं दीखै सै ? 👀
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सेठ – हां, दीखै सै 🙄
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ताऊ – इतणी बढ़िया मिठाई धरी, फेर खाता क्यूं ना ? 😋
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सेठ – न्यूं खाऊंगा तै मेरा नास हो ज्यागा 😬
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ताऊ बोल्या – हट परे नै, मेरा नास होण दे, मैं खा ल्यूं सूं 😆🍭
पहले आळा कान 👂🤑
एक बै रब्बू नै 500 रुपय्ये की जरूरत पड़-गी – सोची अक लाला जी पै ले ल्यूं 💸
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रब्बू नै फोन खटकाया 📞
लाला जी के फोन उठाते ही रब्बू बोल्या – लाला जी, मैं रब्बू बोलूं सूं 🙋♂️
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लाला जी – हां रब्बू, बोल के बात सै ?
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रब्बू – लाला जी, 500 रुपय्ये की जरूरत थी 🙏
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ईब लाला जी नै सोची अक झिकोई रुपय्ये ले ज्यागा 🤨
लाला जी सोच कै बोल्या – “रब्बू, मन्नैं इस कान तैं सुणै कोन्या, रिसीवर दूसरे कान पै लाऊं सूं, फेर बोलिये” 😅
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लाला जी नै रिसीवर दूसरे कान पै लगाया अर बोल्या – हां रब्बू, ईब बोल के कह था ?
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ईब रब्बू नै सोची अक सुण्या कोनी, क्यूं ना हजार रुपय्ये मांग ल्यूं ! 😈
सोच कै बोल्या – “लाला जी, हजार रुपय्ये की जरूरत सै” 💰
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लाला जी नै सोची अक झिकोई ईब घणे मांगण लाग्या 🤯
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लाला जी बोल्या – “ऐं, रब्बू भाई, न्यूं कर – पहले आळे कान पै आ ज्या” !! 🤣📞
एक बै बनिया की छोरी के ब्याह में फेरे करवावण खातिर कोई बाहमण ना मिल्या 👰♀️🙏
जब कित्तै तैं बाहमण का जुगाड़ ना हुया तै छोरी आळे एक जिम्मेदार जाट नै ले आये 👨🌾
जाट नै फेरे शुरु करवा दिये 🔥
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तीन फेरे होण पाच्छै जाट बोल्या – भाइयो, रस्म तै पूरी हो-गी, छोरी की विदा करवाओ 😐
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छोरे आळे बाराती बोले – जी, फेरे तै सात होया करैं 😲
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जाट बोल्या – भाई, बात इसी सै, जै उसनै रुकणा होगा तै तीन फेरयां में भी कित्तै ना जावै 😎
अर जै इसनै भाजणा ए सै, तै चाहे पच्चीस फेरे करवा ल्यो !! 🏃♀️💨
सेठ की दुकान में चोरी हो गई 🛒🕵️♂️
सेठ ने थाने में रपट लिखवा दी 📝
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अगले दिन सेठ की दुकान पर तीन सिपाही आ पहुंचे और पूछताछ करने लगे 👮♂️👮♀️
फिर एक सिपाही ने एक बोरी में से थोड़े भूगड़े (भुने हुए चने) उठाये और खाने लगा 😋
दूसरे ने थोड़ी मूंगफली की मुट्ठी भर ली 🥜
और तीसरे ने पतासे खाने शुरु कर दिये 🍬
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थोड़ी देर बात थाणेदार आया और सेठ से बोला – सेठ, कितने का नुकसान हुआ ? 🤔
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सेठ ने जवाब दिया – जी, नुकसान खतम कित हुया सै, ईबै तै होण ए लाग रहया सै !! 😩💸
एक बणिये का आखरी बखत आ-ग्या 😷
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उसनै आवाज लगाई – बेटी लक्ष्मी ! 👧
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वा बोल्ली – “हां बाबू !”
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फिर उसनै आपणे छोरे को आवाज लगाई – बेटा कुबेर ! 👦
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छोरा बोल्या – “हां बाबू !”
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बणिया ने फिर आपणी घर-आळी खातिर रूका मारा – भागवान ! 👵
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उसकी घर-आळी बोल्ली – “हां जी !”
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बणियां बोल्या – अड़ मखा लुटवाओगे – तुम सारे हाड़ै बैठे सो, तै दुकान पै कूण सै ?!! 🏬😂
जाट ने बनिया से उधार ले रखा था 💵
काफी समय हो गया, बनिया ने दबाव देना शुरु किया 😤
जाट ने कह दिया कि कल मेरे घर आ कर पूरा पैसा ब्याज समेत ले जाना 💰
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बनिया खुश हो कर अगले दिन सुबह जा पहुंचा जाट के घर 😄
जाट ने सेठ को घर के अन्दर बुला लिया और बाहर खिड़की से किसी को इशारा किया 🪟
पहले ही ढ़ोल बजाने वाले बुला रखे थे, वे इशारा पाते ही ढोल बजाने लगे 🥁
और जाट ने सेठ की पिटाई शुरू कर दी 🥴👊
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पिट-पिटा कर सेठ ने कहा – “चौधरी साहब, मेरे पैसे समझो कि आ गए, पर मेरी पिटाई की बात किसी को मत बताना, नहीं तो मेरी बेइज्जती हो ज्यागी 😭”
जाट मान गया 😅
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कुछ दिन बाद जाट के पड़ौसे में किसी की शादी थी और ढोल बज रहे थे 🥁🎉
बनिया के लड़के ने पूछा – बापू, किसका ब्याह सै ?
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बनिया बोल्या – बेटा, किस्सै का ब्याह कोनी, कोई बनिया पिटता होगा !! 🤣💥
ऐसी कहावत है कि बनियां के पास एक नहीं, 52 दिमाग होते हैं। 🧠🧠🧠
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पुरानी बात है। एक जाट एक दूसरे गांव के बनिया से कभी-कभी ब्याज पर पैसे लेता था और बनियां की सूदखोरी से परेशान था। एक बार जाट की 14-15 साल की लड़की का बीमारी से देहान्त हो गया और जाट को सेठजी से कुछ और कर्ज लेना पड़ा। 😢💸
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फिर हुआ यूं कि कुछ दिन बाद बनियां की लड़की, जिसका नाम “परमेसरी” था और जो लगभग उसी उम्र (14-15 साल) की थी, वो भी महामारी के कारण चल बसी। उसकी 13वीं के दिन जाट शोक प्रकट करने के लिए उस सेठ के घर चला गया। 🧕⚰️
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उस समय बनियां घर में नहीं था। सेठानी भोली-भाली थी – जाट ने उसको एक तरफ ले जा कर कहा:
“सेठानी जी, मैं तो अपनी लड़की से कल स्वर्ग में मिलने गया था, वो तो अब मौज में है पर परमेसरी बेचारी परेशान है। वो कह रही थी कि वो अपने जेवर तो धरती पर ही छोड़ आई और उसकी दूसरी सहेलियां सजी-संवरी घूमती हैं – और मेरे को यह कहने लगी, कि मेरी मां से कह देना कि मेरे जेवर भिजवा दे। अगर आप उसके जेवर मुझे दे दें तो मैं अगली बार वहां उसके पास पहुंचा दूंगा।” 👼💍
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बेचारी सेठानी ने जाट को जेवर दे दिये और जाट उसको राम राम कहकर अपने गांव की तरफ पैदल चलता बना। 🧔🚶♂️
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थोड़ी देर के बाद जब बनिया घर आया तो सेठानी ने सारा किस्सा बता दिया। बनियां समझ गया कि चौधरी तो सेठानी का उल्लू बना गया और अपनी घोड़ी पर सवार होकर उसी तरफ भागा। बनियां को घोड़ी पर आता देखकर जाट खेतों की तरफ भाग गया और एक पेड़ पर चढ़ गया। बनियां ने घोड़ी पेड़ के नीचे रोक ली और जाट से जेवर मांगे। 🐴🗣️
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जाट ने जवाब दिया: “सेठ जी, मैने कोई चोरी तो की नहीं है, सेठानी ने अपने आप ये जेवर मुझे दिये हैं। अगर आप इस पेड़ पर चढ़ सकते हो तो ऊपर आकर अपने जेवर ले जाओ।” 🌳😂
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बनियां बेचारा जोर लगाकर पेड़ पर तो चढ़ गया पर बुरी तरह थक गया। मौका देखकर जाट ने नीचे खड़ी हुई उसकी घोड़ी पर छलांग लगाई और घोड़ी को लेकर भागने लगा। 🐎🏃♂️
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बनियां ने देख लिया कि अब तो घोड़ी भी हाथ से गई – फिर सोचा कि जाट के हाथों अपना अपमान करवाने की बजाय क्यों ना कुछ पुण्य ही कमा लिया जाये! 🧘♂️
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बनियां ने जोर से आवाज दी:
“अड़ चौधड़ी – या घोड़ी परमेसरी ताहीं दे दिये और उस-तैं बता दिये कि तेरी मां नै तै जेवर भेजे सैं और बाप नै घोड़ी।” 🗯️😆
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बाद में बनिया दूसरों को बताने लगा: बावन-बुद्धि बाणियां, तिरेपन-बुद्धि जाट!! 🤯💡
एक बार एक सेठ के घर में सांप घुस गया। 🐍
सेठ ने चिल्लाना शुरू किया, लोग इकट्ठे हो गए। एक जाट गया अंदर लाठी लेकर। उसके घुसते ही सेठ बाहर आया और दरवाजे की कुंडी बंद कर दी। 🚪🔐
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लोग बोले – सेठ ये क्या किया?
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सेठ बोल्या – दो दुश्मन भीतर सैं – एक तै मरै ए गा!! 😅😂
एक बै एक बीमे का एजेंट गाहक बणावण खातिर एक गाम में चल्या गया और लाग्या एक ताऊ नै बीमे की पोलिसी समझावण। 📋💰
बोल्या – ताऊ, या पोलिसी इसी सै अक जै तू मर-ग्या तै तेरे घर आळां नै इतने पईसे मिल-ज्यांगे।
अर या एक और पोलिसी इसी सै अक जै तू मर ग्या, तै जितने का बीमा सै, उसतैं दुगुने पईसे मिल ज्यांगे…
अर एक या नई पोलिसी सै जिसमैं तीन गुणे पईसे मिल ज्यांगे। 💵💵💵
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ताऊ कै उठ्या छो, अर बोल्या –
“भाई, तेरी सारी पोलिसी ठीक सैं – तू आपणी या किताब तै बंद कर दे, अर कोई ऐसी पोलिसी बता दे अक मर तै बीमे का एजेंट जावै और पईसे हम नै मिल जावैं!!” 😄📚💀
एक बै एक जाट नै एक बाणियां तैं पईसे उधार ले राक्खे थे। 💸
घणे दिन हो-गे, उसतैं पईसे पाट्टे कोनी।
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बाणियां नै गाम कट्ठा कर लिया अर बोल्या – भाइयो, मेरे पईसे का जुगाड़ बिठवाओ।
गाम आळे बोले – लाला जी, इसपै घणे पईसे उधार हो-गे, इसतैं सारे पईसे तै दिये नहीं जावैं, आधे पईसे छः महीने में दे देगा।
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बाणियां नै गाम आळां की बात मान ली अर जाट के आधे पईसे माफ कर दिये।
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छः महीने पाच्छै बाणियां जाट तैं फिर कहण लाग्या – भाई, तन्नैं वो पईसे देणे थे।
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जाट बोल्या – देख भाई, घणा तै बोल्लै मन्ना, आधे तै तेरे दे ए दिये – अर बाकी आधे तेरे न्यूं ऐं कदे दे दूंगा!! 😆🙈